7th Pay Commission Latest Update 2023: अगर आप या आपके जान पहचान का कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी है तो यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद है। 1 जनवरी से लागू होने वाला महंगाई भत्ता सरकार द्वारा मार्च में लागू किया गया है। इसके बाद मोदी सरकार के जरिए अगला महंगाई भत्ता जुलाई से लागू किया जाना है। संभव है कि सितंबर माह में सरकार के माध्यम से इस बारे में बयान दिया जाएगा।
फिर से मुमकिन है 4 फीसदी का इजाफा
जानकारों को उम्मीद है कि सरकार जनवरी से मई तक के एआईसीपीआई इंडेक्स रिकॉर्ड के आधार पर डीए की घोषणा करेगी। इस बार भी सरकार की तरफ से चार प्रतिशत की बढ़त कर डीए बढ़ाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस बार DA Hike के लिए सरकार की मदद से नया फाॅर्मूला लागू किया जाएगा। जनवरी में सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत डीए बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का डीए बढ़कर 42 फीसदी हो गया है।

महंगाई भत्ता क्या है?
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मियों और पेंशनभोगियों को वेतन के रूप में प्राप्त होने वाली रकम का हिस्सा है। इसका मकसद बढ़ती महंगाई की वजह से बढ़ते मूल्य के लिए बदलाव करना है। केंद्रीय कर्मचारियों महंगाई भत्ते में वर्ष में दो बार (जनवरी एवं जुलाई) बढ़ाने का प्रावधान है। सरकारी कर्मचारियों का डीए पूरे देश में एक समान नहीं है। यह अन्य बातों के अलावा नौकरी की जगह, डिपार्टमेंट और वरिष्ठता के आधार पर भी अलग हो सकता है।
महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन में हो रहा है बदलाव
सूत्रों का दावा है कि इस बार श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्ते की गणना में बदलाव किया है। मंत्रालय ने आखिरी बार 2016 में महंगाई भत्ते के आधार वर्ष में बदलाव किया था और WRI-Wage Rate Index की नई सीरीज लॉन्च की थी। श्रम मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई Series ने आधार वर्ष 1963-65 की पुरानी सिरीज को बदल दिया।
अब DA कैसे होगा कैलकुलेट?
सातवें वेतन आयोग के महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन वर्तमान दर को बेसिक सैलरी से गुणा करके की जाती है। यदि आपका मूल वेतन रु. 56,900 डीए (56,900 x 12)/100 है, तो वर्तमान में प्रतिशत का दर 12% है। महंगाई भत्ता प्रतिशत = पिछले 12 महीनों के सीपीआई का औसत – 115.76। इसके बाद जो नंबर आएगा उसे 115.76 से भाग किया जाएगा। इसके बाद जो भी संख्या आती है उसे 100 से गुणा किया जाता है।
क्या महंगाई भत्ते पर लगेगा टैक्स?
महंगाई भत्ता पूरी तरह से कर योग्य आय (Taxable Income) है। देश में आयकर नियमों के तहत इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में महंगाई भत्ते के बारे में अलग से जानकारी देनी होती है।