EPF Pension Hike:प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि कर्मचारियों की पेंशन को कम से कम 8500 रुपये की बढ़त की जाए।

कितनी बढ़ेगी सरकारी पेंशन?
EPF Pension Hike: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन पर 15000 रुपये की सीमा तय की है और इसी के आधार पर पेंशन की गणना भी की जाएगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यह सीमा हटा दी गई है और पेंशन की गणना 15000 रुपये के बजाय 20000 रुपये की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों की महीने की पेंशन में 8500 रुपये तक की बढ़ोतरी की जाएगी.
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यह है नए नियम
EPF Pension Hike: EPFO ने 15000 रुपये की कीमत तय की गई है अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 15000 रुपये से ज्यादा है तो भी सैलरी पर पीएफ की गणना 15000 रुपये ही की जाएगी। यदि किसी कर्मचारी की महीने की सैलरी 50,000 रुपये है और वह 50,000 पर ही अपनी पेंशन की गणना करना चाहता है तो वह ऐसा नहीं कर सकते है। इसका कारण यह है कि EPFO से 15,000 रुपये की सीमा है।
क्या वेतन सीमा समाप्त होने पर बढ़ पायेगी पेंशन
EPF Pension Hike:इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.अगर सुप्रीम कोर्ट वेतन सीमा को हटा देता है तो पीएफ की गणना बड़े स्तर पर भी की जा सकती है। अगर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15000 रुपये से ज्यादा है तो पीएफ का पैसा उच्चतम स्तर पर काटा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को पेंशन में काफी लाभ होगा।
EPF Pension Increased यह है पूरी खबर
EPF Pension Hike:कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना को केंद्र सरकार द्वारा 1 सितंबर 2014 को अधिसूचित किया गया था। उस समय प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। इस पर EPFO ने सुप्रीम कोर्ट में SLP की बात की। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया।
1 अप्रैल 2019 को EPFO की SLP पर सुनवाई करते हुए कहा है कि जो कर्मचारी अपने वास्तविक वेतन के आधार पर योगदान दे रहे हैं वे संयुक्त विकल्प के रूप में अपनी कंपनी के पास जमा कर रहे हैं।
कितनी बढ़ सकती है पेंशन?
EPF Pension Hike:उदाहरण के रूप में अगर किसी कर्मचारी का वेतन 20 हजार रुपये है। पेंशन फॉर्मूले के हिसाब से पेंशन 7500 की जगह 8,571 रुपये होगी। EPS कैलकुलेशन फॉर्मूला = मंथली पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी x EPS कंट्रीब्यूशन) चेक किया जा सकता है। यानी पेंशन में 300% की सीधी बढ़ोतरी की जा सकती है।
EPFO की पेंशन स्कीम (EPS) की शुरुआत 1995 में हुई थी। EPFO के हिसाब से अगर नौकरी करते समय किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है ऐसी स्थिति में जो उम्मीदवार अपने परिवार का अकेला कमाने वाला है उनके माता पिता उस पर निर्भर हैं तो ऐसे मामलों में उन्हें EPS 95 नियम के अंतगर्त आजीवन पेंशन मिलती है।
वैसे तो इसमें उम्मीदवारों की कम से कम 10 साल की नौकरी पूरी हो चुकी हो। इसके साथ ही अगर कर्मचारी नौकरी के दौरान किसी बिमारी के चलते शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है तो उस स्थिति में उन कर्मचारियों को भी आजीवन पेंशन का लाभ मिलेगा।