EPFO Limit Increased : EPFO,कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की तरफ से एक बड़ी खबर है। कर्मियों को सोशल प्रोटेक्शन बीमा देने के लिए यह ग्रुप बनाया गया है। रिटायर कर्मियों को पेंशन देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाए रखने के लिए ईपीएफओ का गठन हुआ।
ईपीएफओ कर्मियों को मासिक पेंशन भी देता है या कर्मचारी चाहे तो ईपीएफओ में जमा राशि को एकमुश्त भी निकाल सकता है। साथ ही अगर कर्मचारी की असमय मृत्यु हो जाती है तो ईपीएफओ कर्मचारी के आश्रितों को ₹700000 तक का कवरेज देता है। ईपीएफओ में जमा राशि पर सरकार हर साल ब्याज देगी, यह ब्याज दर 8.1% है।

EPFO कैसे काम करता है ?
कर्मचारी की साधारण आय का 12% हिस्सा इस ईपीएफओ को जाता है, उतनी ही राशि कर्मचारी के नाम पर कर्मचारी के पीएफ खाते में कारोबारी फर्म भी डालती है। देखा जाए तो 12% में से एजेंसी 8.33% कर्मचारी के EPS में और 3.67% EPF में डालती है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ की वित्तीय बचत योजना में तेजी
माना जा रहा है कि सरकार रिटायर्ड सेविंग्स स्कीम के लिए कमाई की सीमा में भी बढ़ोतरी ला सकती है। वैसे में यह सीमा ₹15000 तक है, जिसे बढ़ाकर ₹21000 करने पर विचार किया जा रहा है। जिन कंपनियों में कर्मियों की संख्या 20 से अधिक है, वे कंपनियां अपने कर्मियों के लिए ईपीएफ खाता खुलवाएं। इसलिए कार्मिकों के हित में सरकार जल्द ही यह फैसला लेने जा रही है कि बचत की सीमा ₹15000 से बढ़ाकर ₹21000 की जाए।
EPFO Limit Increased
समय-समय पर, सरकार ने कर्मियों के हित में इस बचत प्रतिबंध को तेज किया है, साथ ही 1952 में योजना जारी होने के बाद, प्रतिबंध केवल ₹500 हो गया, 1966 में इसे संशोधित करके ₹1000 कर दिया गया, 1976 में इसे
₹16000 हो जाते हैं।
1985 में यह 2500 रुपये और 1990 में 3500 रुपये हो गया, जो 1994 में बढ़कर 5000 रुपये हो गया, 2001 में यह 6500 रुपये हो गया और 2014 से यह 15000 रुपये हो गया, लेकिन अब इसमें तेजी लाने पर विचार किया जा रहा है।
अगर ऐसा होता है तो इसका लाभ उन 75,00,000 कर्मियों को मिलता है जो इस योजना के लाभार्थी हैं। फिलहाल इस योजना की पाबंदी में तेजी लाने के लिए अधिकारियों की ओर से कोई विश्वसनीय बयान नहीं दिया गया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही इस बचत योजना की पाबंदी में तेजी लाई जा सकती है।