EPFO Pension New Rule: अभी भी हजारों कर्मचारी हैं जिनको पेंशन स्कीम के अंतर्गत फायदा उठाने का फायदा मिल रहा हैं। अभी भी ऐसे बहुत सारे कर्मचारी हैं जो पेंशन स्कीम के अंतर्गत अपना पेंशन का रिटर्न बढ़ाने का इंतजार कर रहे हैं।
कई सालों से यह केस कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने आखिरकार 4 नवंबर 2020 को ईपीएफओ से जुड़ा फैसला सुना ही दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि उन सारे कर्मचारी जिनकी मासिक सैलरी ₹15000 तक होगी उन्हें नियोक्ता की तरफ से 8.33 प्रतिशत मतलब ₹1250 तक कंट्रीब्यूशन दिया जाएगा।
EPFO Pension New Rule:4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने एंप्लाइज पेंशन अमेंडमेंट स्कीम 2014 को लेकर एक नया आदेश ईपीएफओ ऑफिस के लिए जारी किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी दी कि पेंशनेबल सैलरी को 6500 से 15000 कर दिया जाए और साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने एंपलॉयर्स को आदेश दिया था कि वह अपने एंपलाई की सैलरी का 8.33 परसेंट उनके ईपीएफओ में कंट्रीब्यूट करें ।
जैसे कि 2014 के अमेंडमेंट में बताया गया है कि ईपीएस मेंबर्स को 6 महीने मिलते हैं यह निर्धारित करने के लिए कि उन्हें कौन सी स्कीम में पैसे डालने हैं जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 4 महीने और बढ़ा दिया है। इसका मतलब अब ईपीएस मेंबर्स को 10 महीने निर्धारण के लिए मिलेंगे जिसमें वह यह सोच सकते हैं कि उनके लिए कौन सी योजना ज्यादा बेहतर है ।

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के अमेंडमेंट में किए हैं बदलाव
EPFO Pension New Rule:
• यदि रिटायरमेंट के बाद आप अपने पीएफ खाते में जमा रकम निकालना चाहते हैं तो आप कभी भी निकाल सकते हैं ।
• साथ ही अगर आप नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद भी आप इपीएफ की पूरी रकम कभी भी निकलवा सकते हैं ।
• अगर नौकरी छूटने के बाद आप 2 महीने से बेरोजगार हैं तब भी आप ईपीएफ की पूरी राशि निकाल सकते हैं।
• अगर आपको काम करने के दौरान अपने ईपीएफ से कुछ हिस्से की राशि को बाहर निकालना है तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के संशोधन को किया रद्द
EPFO Pension New Rule:16% प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान देना अनिवार्य था। यह माना गया कि सदस्यों को योगदान करने की आवश्यकता सेलेक्शन से मिली थी जिसके फैसले को अदालत ने 6 महीने के लिए स्थगित रख दिया है।
जिससे ईपीएफओ को सोचने के लिए वक्त मिलेगा की पेंशन के रिटर्न्स में अतिरिक्त योगदान कैसे दिया जाए साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि कर्मचारी तथा कंपनी दोनों ही एंप्लॉय सैलरी का 12-12% कंट्रीब्यूट करते हैं । कर्मचारी का पूरा योगदान इपीएफ अकाउंट में जमा होता है वही कंपनी के योगदान का 8.33% EPF खाते में जमा होता है तथा बाकी ईपीएस खाते में जमा होता है ।
अगर कोई कर्मचारी 1 सितंबर 2014 के बाद जिस का वेतन ₹15000 से कम होने की वजह से ही प्लान में शामिल हुआ है तो उसे अधिकतम योगदान का विकल्प नहीं मिलेगा।