EPFO Salary Limit:- केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के माध्यम से संचालित भविष्य निधि में अंशदान की सीमा बढ़ा सकती है।जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कर्मचारी की मूल आय का 12% ईपीएफओ को जाता है, उतना ही हिस्सा कंपनी द्वारा कर्मियों के पीएफ खाते में भी रखा जाता है। हालांकि, व्यापार उद्यम के माध्यम से 12% में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना और 3.67% ईपीएफ में जा रहा है।आइए पढ़ते हैं पूरी खबर!

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EPFO Salary Limit 2023
सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सेवानिवृत्ति बचत योजना के लिए आय सीमा बढ़ाने की व्यवस्था में है।अभी तक सरकार से कर्मियों की सेवानिवृत्ति के बाद होने वाली बचत को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी और व्यवसायी दोनों पीएफ में एक समान अंशदान करते थे, लेकिन अब यह सीमा ₹15000 की आय पर है, लेकिन सरकार क्या इसे एक हजार तक सीमित किया जा सकता है यदि ऐसा है अगर ऐसा होता है तो कर्मचारी और कारोबारी दोनों का योगदान बढ़ेगा।
कितनी बार हो चुका है पीएफ अंशदान में बदलाव!
मौजूदा संदर्भ में, देश के भीतर न्यूनतम बुनियादी लाभ की सीमा आठ बार बदली गई है।1952 में जब योजना शुरू हुई तो यह सीमा ₹500 हो गई, वर्ष 1962 में इसे गुणा कर ₹1000 कर दिया गया, वर्ष 1976 में यह ₹16000 हो गई, वर्ष 1985 में यह ₹2500 हो गई।
आइए जाने क्या है ईपीएफओ ?
ईपीएफओ देश के भीतर 1952 में स्थापित किया गया था,और इसका प्राइवेट कार्य में लगे लोगो को सामाजिक सुरक्षा बीमा प्रदान करने का कर्तव्य है।ईपीएफओ सेवानिवृत्ति पर कर्मियों को पेंशन प्रदान करता है।इसके अलावा जमा राशि का कुछ हिस्सा वर्षों तक निःशुल्क भी दिया जाता है।साथ ही ईपीएफओ अपने आश्रितों को कर्मियों की अचानक मृत्यु होने की स्थिति में ₹700000 तक का कवरेज प्रदान करता है।यहां ईपीएफओ से जुड़े कुछ साफ-सुथरे मामले हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए!
8.1% का ब्याज दे रहा है ईपीएफओ !
ईपीएफओ में जमा रकम पर सरकार ब्याज दे सकती है, उपहार में ईपीएफओ पर 8.1 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।आपको बता दें कि ब्याज के साथ-साथ पीएफ खाते में जमा राशि काफी बढ़ जाती है।इसीलिए प्रोविडेंट फंड को किराए पर लिए गए लोगों के बीच वित्तीय बचत के लिए एक उल्लेखनीय उपकरण माना जाता है।