Gold ETF: गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF) में निवेश पिछले वित्त वर्ष में 74 प्रतिशत घटकर 653 करोड़ रुपये रह गया। यह इस परिसंपत्ति खंड पर आय के संचय और ईटीएफ पर शेयरों में पैसा लगाने के कारण हुआ है। यह आंकड़े म्यूचुअल फंड ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से सामने आया है। हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 में Gold ETF के एसेट बेस में उछाल और बड़ी संख्या में निवेशक कर्जदार दर्ज किए गए हैं। डेटा बताता है कि अधिकतम खरीदार फिर भी विभिन्न परिसंपत्ति खंडों पर इक्विटी के बेस्ड पर म्यूचुअल फंड का चयन करते हैं।

गोल्ड
मार्च को समाप्त हुए आर्थिक वर्ष में इस चरण में शुद्ध प्रवाह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इसके साथ ही कारोबारियों ने सोने में किए गए अपने निवेश को भुनाया और उसे अलग-अलग संपत्तियों में निवेश किया। एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में 14 Gold ETF में 653 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि एक साल पहले 2,541 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। आर्थिक वर्ष 2019-20 में गोल्ड ईटीएफ में 1,614 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
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Gold ETF
इससे पहले गोल्ड ईटीएफ से निकासी का सिलसिला कई सालों से लगातार चल रहा था। आर्थिक वर्ष 2018-19 में गोल्ड ईटीएफ से 412 करोड़ रुपये, 2017-18 में 835 करोड़ रुपये और 2016-17 में 775 करोड़ रुपये निकाले गए थे। हालांकि गोल्ड ईटीएफ में पिछले तीन साल में निवेश में सुधार हुआ है।
Gold ETF: निवेशकों को इक्विटी है ज्यादा पसंद
मॉर्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक और शोध प्रबंधक कविता कृष्णन ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ में प्रवाह इक्विटी की बढ़ती मांग और घरेलू निवेशकों की जोखिम की बढ़ती धारणा के कारण घट गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने का भी असर पड़ा है।