
Income Tax Latest Update 2023, इनकम टैक्स में छूट के उपाय 2023, Investment Plan: आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है वर्णन कीजिए:- इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट हासिल की जा सकती है। बाजार में कई टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध हैं।लोग अपने इच्छा और वरीयताओं के अनुरूप अपने लिए अच्छी योजना का चयन कर सकते हैं। Tax Saving Scheme: जब कमाई टैक्सेबल हो जाएगी, तब लोगो की टैक्स कटौती शुरू हो जाती है।हालांकि, कुछ उपाय करके टैक्स को भी बचाया जा सकता है।देश के भीतर टैक्स के अलग-अलग स्लैब निर्धारित हैं।उन स्थायी स्लैबों में मुनाफा का पैमाना बताया गया है, जिसके हिसाब से लोगो से टैक्स वसूला जाता है।हालांकि, यदि आपको कर रखने के अलावा निवेश करने की आवश्यकता है, तो प्रत्येक को कुछ योजनाओं में निवेश को नकद के रूप में करके tax की बचत को हासिल किया जा सकता है।आइए हम लगभग 9 योजनाओं को आज पहचानते हैं, जिनमें निवेश नकदी बनाकर कर जमा किया जा सकता है।
Income Tax Latest Update क्या है टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट प्लान ?
Tax Free Scheme: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट हासिल की जा सकती है।बाजार में कई टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध हैं, वरीयताओं के लिए अपनी समझदारी के साथ कदम से कदम मिलाकर अपने लिए गुणवत्ता योजना चुन सकते हैं।इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत कुछ बेहतरीन टैक्स सेविंग फंडिंग प्लान उपलब्ध हैं।
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ये है Tax-Saving Investments Plan Under Section 80C
1- ELSS Fund
2- National Pension Scheme (NPS)
3- Unit Linked Insurance Plan (ULIP)
4- Public Provident Fund (PPF)
5- Sukanya Samriddhi Yojana
6- National Savings Certificate
7- Senior Citizen Saving Scheme
8- Bank FDs
9- Insurance
इसमें थोड़ा जोखिम भी उठाना पड़ सकता है
आपको बता दें कि ऊपर दी गई नौ योजनाओं में एक तरह का खतरा है या थोड़ा सा खतरा अवश्य है।इनमें से आप यह चुन सकते हैं कि कौन सा प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है।साथ ही इनमें पैसे का निवेश कर बचत के साथ-साथ टैक्स छूट भी हासिल की जा सकती है।हालांकि, खरीदारी पर टैक्स छूट की अधिकतम सीमा है।
आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है वर्णन कीजिए, क्या है 80C का नियम ?
टैक्स सेविंग फंडिंग प्लान ज्यादातर मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 80C के मापदंडों के नीचे कार्य करते हैं।80सी के तहत टैक्स छूट मिल सकती है।तदनुसार, निवेशक द्वारा किए गए निवेश अधिकतम 1.5 लाख रुपये की सीमा तक कर छूट के पात्र हैं।
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