Old Pension Scheme Update: पुरानी पेंशन योजना को लेकर लगातार बहस होती रही है। इसी बीच अब कुछ रिटायर्ड लोगों ने राजस्थान सरकार से एक जरूरी मांग की है। 1 अप्रैल, 2022 से पहले सेवानिवृत्त (Retire) हुए सरकारी कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का फायदा प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ की तरह राष्ट्रीय पेंशन योजना ( NPS) के तहत सेवानिवृत्ति के बाद सरकार द्वारा निकाले गए हिस्से को ही जमा करने की इजाज़त दी जाए। दरअसल, राजस्थान में 1 अप्रैल 2022 से OPS बहाल हो गया था।
Pension Scheme: पेंशन स्कीम
न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान (NPSEFR) के प्रतिनिधियों के अनुसार, राज्य सरकार ने उनकी मांग को पूरा करने का भरोसा दिया है। हालांकि, वित्त विभाग के एक विश्वसनीय ने कहा कि अभी इस विचार पर चर्चा की जा रही है।
वहीं, छत्तीसगढ़ शासन के माध्यम से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘1 नवंबर 2004 और पुरानी पेंशन योजना के लागू होने की तारीख के बीच कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति/मृत्यु की दशा में सरकारी अंशदान एवं निकासी (तारीख तक) एवं पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा पाने के लिए अर्जित लाभ के अंश को सरकारी कोष में जमा करना होगा।
Old Pension Scheme latest Update 2023:पुरानी पेंशन योजना के संबंध में सरकारी कर्मियों का विरोध
Government Scheme: सरकारी स्कीम
NPSEFR के स्टेट कोऑर्डिनेटर विनोद कुमार ने कहा, ‘हमें सरकार नें आश्वासित किया है कि हमारी मांग जल्द ही पूरी की जाएगी। एक जनवरी 2004 से 31 मार्च 2022 तक करीब 3500 सरकारी कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हालांकि, लगभग एक हजार कर्मचारी पेंशन के लिए पात्र हैं। इससे राज्य सरकार को सालाना लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च होगा। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी मांग को पूरा जल्द ही पूरा करे।
Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना
इससे पहले राज्य के वित्त विभाग ने एक informal note जारी किया था जिसमें कहा गया था कि एक जनवरी 2004 के बाद autonomous और non autonomous bodies, बोर्ड और निगमों की स्थापना के सेवानिवृत्त कर्मियों के लिये पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जा सकती है। 30 जून तक जो लोग इसे चुनते हैं, उन्हें 12 प्रति प्रतिशत के न्यूनतम ब्याज के साथ सेवानिवृत्ति के बाद प्राप्त अंशदायी पेंशन फंड (CPF) का केवल नियोक्ता का प्रतिशत जमा करना होता है।
Retirement: रिटायरमेंट
अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) वित्त अखिल अरोड़ा द्वारा जारी नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी 30 जून तक ओपीएस के लिए दोबारा चयन नहीं करता है तो यह माना जाएगा कि कर्मचारी सीपीएफ के सदस्य के रूप में रहता चाहता है। “ओपीएस के लिए एक बार निर्णय लेने के बाद, इसे अंतिम माना जाएगा।”