Policies of Mahatma Vidur ji: भारत एक बहुत बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहां की राजनीति साम, दाम, दंड और भेद की नीतियों पर आधारित है इन सभी प्रकार की नीतियों के उपयोग से देश में एक अच्छे शासन व्यवस्था को संचालित किया जाता है इन सभी नीतियों के उपयोग से ही कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से बिना किसी पक्षपात के चलाया जा सकता है इन नीतियों का उद्देश्य देश एवं राज्य में एक अच्छे आदर्श शासन व्यवस्था को चलाना है और कानून व्यवस्था को भी बिना किसी पक्षपात के संचालित रखना है

महात्मा विदुर जी की नीतियों की ये 10 बातें
Policies of Mahatma Vidur ji: विदुर नीति भी एक ऐसी नीति है जिसे यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में इन नीतियों को अपना लेता है तो वह व्यक्ति अपने संपूर्ण जीवन काल में शांति एवं समृद्ध जीवन को भी व्यतीत कर सकता है और जीवन में घटित होने वाली हर परेशानियों का डटकर सामना कर सकता है।
हम आज आप सभी को अपने इस लेख के माध्यम से यह बताने जा रहे हैं कि विदुर नीतियों की 10 ऐसी कौन सी बातें हैं जिसे मनुष्य को अपने जीवन में अपनाना चाहिए तो आइए जानते हैं
- महात्मा विदुर ने कहा है कि यदि मनुष्य अधिक धन प्राप्त करने की कामना हेतु लालच और लोभ में आकर अपने ईमान को बेच दे और अधिक धन की कामना हेतु अपने धर्म का उल्लंघन भी करने को बाध्य हो जाए एवं अपने दुश्मनों के सामने झुकने को भी बाध्य हो जाए ऐसे धन को प्राप्त करने का विचार हर उस मनुष्य को त्याग देना ही उचित होता है नहीं तो उस व्यक्ति के बर्बादी के सभी रास्ते खुल जाते हैं।
- Policies of Mahatma Vidur ji: महात्मा विदुर की नीतियों के अनुसार जो व्यक्ति विश्वसनीय ना हो अर्थात विश्वास करने के योग्य ना हो और तब भी आप उस व्यक्ति पर विश्वास करते हैं तो वह आपकी मूर्खता होगी और यदि व्यक्ति विश्वसनीय भी हो तो भी उस व्यक्ति पर अधिक विश्वास भी नहीं करना चाहिए विश्वास एक ऐसे मन का भाव है कि जो एक बार टूट गया तो किसी व्यक्ति पर दोबारा से विश्वास करने का भय हमेशा बना रहता है ऐसा होने पर उन मूल उद्देश्यों का विनाश हो जाता है कहने का तात्पर्य यह है कि यदि तुम अपने सगे संबंधी के विश्वास के पात्र ना हुए तो तुम औरों के प्रति विश्वसनीय कैसे हो जाओगे
- महात्मा विदुर जी का कहना है दान-पुण्य करने वाला एवं धार्मिक प्रवृत्ति का स्वभाव रखने वाला व्यक्ति का हृदय अत्यंत कोमल होता है अतः ऐसे लोग इस पृथ्वी पर पुण्य आत्मा होते हैं अच्छे एवं धार्मिक स्वभाव के व्यक्तियों पर सदैव ईश्वर का आशीर्वाद बना रहता है एवं ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद स्वर्ग का स्थान प्राप्त होता है कहने का तात्पर्य यह है कि हमें हमेशा उदार स्वभाव का होना चाहिए और दूसरों की सहायता करने हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिए।
- विदुर नीति के अनुसार, यदि कोई मनुष्य यज्ञ शेष अन्य का भोजन करता है और ब्रह्मचारीता का भी पालन करता है एवं दूसरों के प्रति हमेशा सरल एवं सुखद भाव का व्यवहार रखता है और वह व्यक्ति किसी से भी ईर्ष्या ना रखता हो ईश्वर की कृपा से जितना उसके पास है उतने में ही वह संतुष्ट हो ऐसे व्यक्ति बहुत ही सज्जन और ओजस्वी स्वभाव के होते हैं।
- विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति कभी भी मांस न खाता हूं मदिरा और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन ना करता हो एवं शुद्ध सात्विक भोजन को ग्रहण करने वाला हो और कभी भी किसी भी प्रकार की हिंसा ना करता हो अर्थात हिंसा के मार्ग पर ना चलने वाला एवं गलत के प्रति आवाज उठाने वाला ऐसे व्यक्ति समाज में एक उच्च कोटि का व्यक्तित्व रखते है ।
- विदुर नीति के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने किसी भी कार्य को संपूर्ण करना चाहता है तो उस कार्य को संपूर्ण करने हेतु व्यक्ति के अंदर इच्छाशक्ति का होना अत्यंत जरूरी है कच्चे एवं अधूरे मन से किया गया कार्य ना तो कभी पूरा होता है और ना ही कभी उस कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलती है एवं संपूर्ण इच्छाशक्ति लगाकर किया गया कार्य आपको हमेशा सफलता के क्षेत्र में आगे बढ़ाता रहेगा ।
- विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति अपने इंद्रियों एवं मन पर काबू नहीं रख पाते हैं एवं उन व्यक्तियों का मन इधर से उधर भटकता रहता है और कभी भी स्थिर नहीं रह पाता है ऐसे व्यक्तियों को सफलता प्राप्त करने में परेशानियां होती हैं मनुष्य को हमेशा अपने मन पर काबू करना आना चाहिए।
- विदुर नीति के अनुसार व्यक्ति को अपने धन को किसी चतुर एवं होशियार स्वभाव वाले व्यक्ति को यदि आपको तनिक भी संदेह हो कि इस व्यक्ति को धन देने के बाद मेरे इस धन का दुरुपयोग भी कर सकता है अतः आप कभी भी किसी को अपने धन को देने से पहले उस व्यक्ति के स्वभाव के बारे में जान लें नहीं तो भविष्य में आपको ही कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है ।
- विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति शक्तिशाली होकर भी किसी व्यक्ति हो क्षमा करता है और धन-संपत्ति से संपन्न ना होकर भी वह व्यक्ति दान दक्षिणा दे तो उससे बड़ा दानी एवं धनी और कोई व्यक्ति नहीं हो सकता हमें हमेशा दूसरों के प्रति सरल एवं शांत स्वभाव रखना चाहिए ऐसे व्यक्ति जीवन की हर एक परेशानियों का सामना कर पाते हैं और जीवन में सदैव सफलता प्राप्त करते हैं ।
- विदुर नीति के अनुसार जो मनुष्य अपने से बड़े और अपने से छोटे दोनों का ही सदैव सम्मान और आदर करता है और समाज में उस व्यक्ति की प्रशंसा होने पर भी अपनी प्रशंसा का गुणगान नहीं करता और इधर उधर की चापलूसी ना करता हो और कभी कहीं उसका अनादर किया गया हो तब भी वह शांत एवं सरल स्वभाव का व्यक्तित्व लिए हो ऐसा व्यक्ति सही मायने में ज्ञानी कहलाता है।