Retirement Plan PPF vs EPF: कम उम्र में दौड़-भाग कर पैसा तो सभी कमाते हैं, लेकिन एक उम्र के बाद जीवन में ठहराव जरूरी है। बढ़ती उम्र में बहुत दौड़ना हमेशा संभव नहीं होता है। ऐसी स्थिति में एक आरामदायक जीवन जीने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने रिटायरमेंट के बारे में पहले से ही योजना बना लें। हालांकि कई प्राधिकरण और व्यक्तिगत योजनाएं हैं जो सेवानिवृत्ति योजना के लिए अच्छा रिफंड प्रदान करती हैं। हर कोई ऐसी योजनाओं पर पैसा निवेश करना पसंद करता है।
वहीं, आज हम आपको ऐसी स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके जरिए आप एक शानदार रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं, ताकि वृद्धावस्था आराम से गुजर सके। ये सरकारी सब्सिडी वाली योजनाएं सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) हैं। अगर आप भी पैसा लगाना चाहते हैं तो जानिए PPF vs EPF में से कौन सा विकल्प आपके लिये है सबसे बेहतर।

Retirement Plan PPF vs EPF
Retirement Plan PPF vs EPF: कर्मचारी भविष्य निधि वेतनभोगी लोगों के लिए एक सेवानिवृत्ति लाभ योजना है। यानी नौकरी पर रखे गए लोग इस योजना में निवेश कर अपना रिटायरमेंट फंड जमा कर सकते हैं। जबकि, सार्वजनिक भविष्य निधि योजना का प्राथमिक लक्ष्य सेवानिवृत्ति के बाद सभी लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
EPF Benefits: इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड के क्या है फायदे?
Retirement Plan PPF vs EPF: ईपीएफ में निवेश कर कमाई करने वाले कर्मचारी भविष्य के लिए कमाल का फंड बना सकते हैं। फिलहाल ईपीएफ योजना में 8.1 फीसदी सालाना ब्याज दर दी जा रही है। ईपीएफ खाते में कर्मचारी की बेसिक सैलरी(साथ में DA) का 12 प्रतिशत योगदान होता है। इसमें निगम और कर्मचारी दोनों को अपना 12-12 प्रतिशत योगदान देना होगा। आप चाहें तो कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद या कंपनी छोड़ने के बाद अपना पैसा निकाल सकते हैं।
पीपीएफ में निवेश के क्या हैं फायदे?
Retirement Plan PPF vs EPF: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम में कोई भी अपना पैसा निवेश कर सकता है। पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी दिया जा रहा है। सरकार हर तीसरे महीने शौक इंट्रेस्ट रेट को रिव्यू करती है। इसमें आप कम से कम 500 रुपये से अपना पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। पीपीएफ की लॉक-इन अवधि 15 साल है और इसे पांच-पांच साल के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।
लोन की भी होती है सुविधा
Retirement Plan PPF vs EPF: पीपीएफ खाते पर मिलती है लोन सुविधा, निवेशक तीन साल के लिए पैसा निवेश करने के बाद कर्ज ले सकता है। वहीं मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति, घर, बच्चों की पढ़ाई आदि के लिए ईपीएफ खाते पर लोन लिया जा सकता है। पीपीएफ खाते से पैसों की निकासी टैक्स फ्री है, जबकि ईपीएफ से पांच साल से पहले की निकासी कर-मुक्त है।