7th pay commission: मिलेगी गुड न्यूज, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ेगी, 18000 की जगह होगी 27000 रुपए!

7th Pay Commission latest news: कर्मियों के लिए महंगाई भत्ता हर छह महीने में संशोधित किया जाता है।
लेकिन, सातवें वेतन आयोग के तहत इसमें एक स्थिति ला दी गई है।स्थिति यह है कि कर्मियों का महंगाई भत्ता 50 फीसदी के पार जाने के बाद इसे मूल वेतन में मिला दिया जाएगा।

7th Pay Commission latest news: आने वाले दिन या इसके बजाय आने वाला साल प्रमुख कर्मियों के लिए बहुत अच्छा हो सकता है।कई तोहफे उनका इंतजार कर रहे हैं। साल 2023 से ही उनकी कमाई में बढ़ोतरी को लेकर तैयारियां शुरू हो जाएंगी।लेकिन, एक उपहार जो उन्हें बिना किसी योजना के मिल सकता है वह है महंगाई भत्ता।यह हर साल उपलब्ध होता है और भविष्य में भी उपलब्ध रहेगा।लेकिन, साल 2024 आते-आते कहानी में ट्विस्ट आ जाएगा।यहां से कर्मियों की आय में अच्छी वृद्धि होगी।

7th pay commission

7th pay commission 2023

इसके पीछे एक उद्देश्य है।सरकार ने वर्ष 2016 में एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि अगर महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो इसे कर्मियों के लिए 0 कर दिया जाएगा और साधारण आय में 50 प्रतिशत डीए का पैसा जोड़ दिया जाएगा।आइए जानते हैं कि इस नियम से कर्मचारियों की कमाई कितनी बढ़ेगी और गणना कैसे की जा सकती है।

जनवरी में बढ़ेगा 4 फीसदी महंगाई भत्ता (DA Hike)

DA Hike: केंद्रीय कर्मियों को जुलाई 2022 से 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता हो गया है।अब अगला संशोधन जनवरी 2023 में होना है।इसके आंकड़े आने शुरू हो गए हैं।जुलाई से सितंबर तक के महंगाई भत्ते के आंकड़े आए हैं।नवंबर के अंत में अक्टूबर का पारा भी आ सकता है।इससे जाहिर है कि अगली बार भी महंगाई भत्ते में चार फीसदी की तेजी आ सकती है।जानकारों के मुताबिक पूरी दुनिया में महंगाई लगातार बढ़ रही है।हालांकि, भारत में इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।पिछले महीने खुदरा और थोक महंगाई दर में कमी दर्ज की गई है।

लेकिन, वैश्विक महंगाई अब भी काफी ऊंची बनी हुई है।इसका असर अभी भी रह सकता है।ऐसे में महंगाई भत्ते में उछाल की कामना की जा रही है।अभी तक जो आंकड़े दिख रहे हैं वे चार फीसदी की तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं।अगर जनवरी में भी चार फीसदी की तेजी रही तो महंगाई भत्ता 42 फीसदी हो जाएगा।

50 फीसदी DA होने पर होगा मर्जर

कर्मियों के लिए महंगाई भत्ता हर छह महीने में संशोधित किया जाता है।लेकिन, सातवें वेतन आयोग के तहत इसमें एक शर्त रखी गई है।स्थिति यह है कि कर्मियों का महंगाई भत्ता 50 फीसदी के पार जाने के बाद इसे साधारण आय में मिला दिया जायेगा.वहीं महंगाई भत्ता यानी डीए जीरो किया जा सकता है.जब यह 50 प्रतिशत हो, तो कर्मियों को महंगाई भत्ते के रूप में मिलने वाली नकदी को साधारण आय में और संशोधित आय को भत्ता नकद में वितरित किया जा सकता है।लेवल-थ्री वर्कर की मिनिमम सिंपल इनकम 18000 रुपये है।

मान लीजिए डीए बढ़कर 50% हो जाता है तो वर्कर को 9000 रुपये अलाउंस मिलता है।यदि इस 9000 रुपये की राशि को साधारण आय में जोड़ दें तो कर्मचारी की साधारण आय 27000 रुपये हो सकती है।और यहां से महंगाई भत्ता भी जीरो हो जाएगा।

कब होता है महंगाई भत्ता शून्य?

नया वेतनमान लागू होने पर कर्मियों के माध्यम से मिलने वाले डीए को मूल वेतन में लाया जाता है।जानकारों के मुताबिक नियमानुसार कर्मियों के माध्यम से मिलने वाले डीए को 100 फीसदी प्राथमिक वेतन पर लाया गया था,साल 2016 में सरकार ने नियमों में बदलाव किया था।वर्ष 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो 5वें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत डीए मिल रहा था।पूरे डीए को पहले वेतन में मर्ज कर दिया गया।इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 हो गया।फिर नया पे बैंड और नया ग्रेड पे भी बनाया गया।लेकिन, इसे सप्लाई करने में 3 साल लग गए।

यह भी सातवें वेतन आयोग के तहत पूरा किया गया था।अब आठवें वेतन आयोग के संकेत 2024 में आने हैं तो इसके एक बार फिर से सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है

5वें और छठे वेतन आयोग में क्या-क्या हुआ?

वर्ष 2006 में छठे वेतन आयोग के समय नया वेतनमान 1 जनवरी 2006 से लागू हुआ, लेकिन इसकी अधिसूचना 24 मार्च 2009 को जारी हुई।इस विलम्ब के कारण तीन वित्तीय वर्ष 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 में तीन किस्तों में अधिकारियों को 39 से 42 माह के डीए एरियर का भुगतान किया जाता है।

नया वेतनमान भी सृजित किया गया है।

5वें वेतनमान 8000-13500 में 8000 पर 186 फीसदी डीए 14500 रुपये हो गया है.इसलिए दोनों को जोड़ने पर पूरी कमाई 22 हजार 880 हो जाती है।छठे वेतनमान में इसका समान वेतनमान 15600-39100 प्लस 5400 ग्रेड पे पर स्थिर हो गया है।छठे वेतनमान में यह कमाई 15600-5400 प्लस 21000 हो जाती है और 1 जनवरी 2009 को सोलह प्रतिशत डीए 2226 मिलाने पर पूरी कमाई 23 हजार 226 रुपये पर स्थिर हो जाती है।चौथे वेतन आयोग के सुझाव 1986 में, 5वें 1996 में और 6वें 2006 में लागू किए गए।सातवें आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुईं।

Editor

Harshitaa Mishraa works as a professional content writer. Currently working as a senior content writer & editor at Sarkarinewsportal and also working for many other websites. Harshitaa Mishraa is currently pursuing M.A and also has a degree of B.A Arts. She is also preparing for UPSC.

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